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Showing posts from January, 2022
एक_अंधा... भीख मांगता हुआ राजा के द्वार पर पंहुचा। राजा को दया आ गयी ,,राजा ने मंत्री से कहा ,- "यह भिक्षुक अंधा है , यह ठीक हो सकता है , इसे राजवैद्य के पास ले चलो।" रास्ते में मंत्री कहता है , "महाराज यह भिक्षुक शरीर से हृष्ट-पुष्ट है , यदि इसकी रोशनी लौट आयी तो इसे आपका सारा भ्र्ष्टाचार दिखेगा , आपकी शानो शौकत और फिजूलखर्ची दिखेगी। आपके राजमहल की विलासिता और राज निवास का अथाह खर्च दिखेगा , इसे यह भी दिखेगा कि जनता भूख और प्यास से तड़प रही है , सूखे से अनाज का उत्पादन हुआ ही नहीं , और आपके सैनिक पहले से चौगुना लगान वसूल रहे हैं। शाही खर्चे में बढ़ोत्तरी के कारण राजकोष रिक्त हो रहा है , जिसकी भरपाई हम सेना में कटौती करके कर रहे हैं , इससे हजारों सैनिक और कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। ठीक होने पर यह भी औरों की तरह ही रोजगार की मांग करेगा और आपका ही विरोधी बन जायेगा। मेरी मानिये तो... यह आपसे मात्र दो वक्त का भोजन ही तो मांगता है। इसे आप राजमहल में बैठाकर मुफ्त में सुबह-शाम भोजन कराइये , और दिन भर इसे घूमने के लिए छोड़ दीजिये। यह पूरे रा...

मिलन जुदाई का संगम

मिलन / जुदाई का संगम हमारे एक पडोसी थे जिनको हम मिस्टर शर्मा के नाम से पुकारते थे। वह बहुत ही मिलनसार और हंस मुख व्यक्ति थे। सब का काम करने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। उनकी श्रीमती जी बड़े धार्मिक विचारों की हंस मुख महिला थी। वह एक सरकारी स्कूल मे अध्यापिका के पद पर कार्य रत थी और उनके पति मिस्टर शर्मा सरकारी कार्यालय में लिपिक के पद पर कार्य रत थे उनकी शादी हमारी शादी के 1 वर्ष उपरांत हुई थी। शादी के उपरांत उनके चार बच्चे हुए उन्होंनो अपने 4 बच्चों 3 लड़कों और 1 लड़की का पालन पोषण बहुत ही भली भांति किया। उन्हें पढ़ाने लिखाने मे अपनी जिंदगी की जरूरतों का कभी भी ख्याल नहीं किया। सदैव ही अपनी बच्चों की जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए अपनी दोनों की कमाई का अधिकतम हिस्सा खर्च करने में कभी भी कंजूसी नहीं की। बच्चे भी बड़े आज्ञा कारी थे और पढ़ाई मे बहुत होशियार थे। 1 लड़का डॉक्टर बन गया, 1 लड़का इंजीनियर,1 लड़का चार्टेर्ड अकाउंटेंट और लड़की भी डॉक्टर बन गई। अब सभी बच्चों की शादी उनकी मन पसंद के जीवन साथी के साथ बड़ी धूम धाम से कर दी। अपनी जीवन भर की जमा पूंजी और सेवा निवृति के ...

पोहे की इज्जत यदि कोई करता है तो इंदौर वाले ! ऐसी भयंकर इज्जत तो ये अपोहे की इज्जत यदि कोई करता है तो इंदौर वाले !

पोहे की इज्जत यदि कोई करता है तो इंदौर वाले ! ऐसी भयंकर इज्जत तो ये अपोहे की इज्जत यदि कोई करता है तो इंदौर वाले ! ऐसी भयंकर इज्जत तो ये अपने बाप के अलावा और किसी की नही करते ! ऐसे पोहाखोर मैंने पूरे हिंदुस्तान मे कहीं नहीं देखे ! क्वांटिटी का पक्का तो पतापने बाप के अलावा और किसी की नही करते ! ऐसे पोहाखोर मैंने पूरे हिंदुस्तान मे कहीं नहीं देखे ! क्वांटिटी का पक्का तो पता नही पर रोज आठ दस क्विंटल पोहे का भोग लगा लेते हो ये लोग तो कोई बड़ी बात है नही ! अव्वल ऐसा तो होता नहीं पर खुदानाखास्ता यदि कोई अभागा इंदौरी किसी दिन पोहा ना खा पाये तो वह उस दिन को अपनी ज़िंदगी में शामिल ही नहीं करता ! वो शनि का प्रकोप समझता है इसे और हनुमान मंदिर में जाकर गिर पड़ता है ! वो बिना नागा ,बिना भूख लगे ,बिना सोचे विचारे उसी तरह पोहा खाता है जैसे आप साँस लेते हैं ! इंदौरी सोता जागता ही पोहे के साथ है ! केवल पोहे पर ज़िंदा रह सकता है वो ! यदि उसे पता चले कि घर में पोहा ख़त्म हो गया है तो उसे यह दुनिया के ख़त्म होने जैसा लगता है ! यदि उसे खबर हो कि लड़ाई छिड़ गई है पडौसी देश से और बम गिरने का अंदेशा है तो ...

जिंदगी में यही फ़लसफ़ा रहा मेरा कि .... अपने आस पास किसी को रोटी के लिए तरसना ना पड़े।

पिछली रात बड़ी बेचैनी से कटी.... बमुश्किल सुबह एक रोटी खाकर घर से अपनी दुकान के लिए निकला..... आज किसी के पेट पर पहली बार लात मारने जा रहा हूं ये बात अंदर ही अंदर कचोट रही है .... जिंदगी में यही फ़लसफ़ा रहा मेरा कि .... अपने आस पास किसी को रोटी के लिए तरसना ना पड़े ..... पर इस विकट काल मे अपने ही पेट पर आन पड़ी है... दो साल पहले ही अपनी सारी जमा पूंजी लगाकर कपड़े का शोरूम खोला था मगर दुकान के सामान की बिक्री, अब आधी रह गई है.... अपनी ही कपड़े की दुकान मे दो लड़के और दो लड़कियों को रखा है मैंने ग्राहकों को कपड़े दिखाने के लिए... लेडीज डिपार्टमेंट की दोनों लड़कियों को निकाल नहीं सकता... एक तो कपड़ो की बिक्री उन्हीं की ज्यादा है। दूसरे वो दोनों बहुत गरीब है.... दो लड़कों में से एक पुराना है और वो घर में इकलौता कमाने वाला है जो नया वाला लड़का है दीपक .... मैंने विचार उसी पर किया है शायद उसका एक भाई भी है, जो अच्छी जगह नौकरी करता है और वो खुद, तेजतर्रार और हंसमुख भी है उसे कहीं और भी काम मिल सकता है... पिछले सात महीनों में... मैं बिलकुल टूट चुका हूं स्थिति को देखते हुए एक वर्कर कम करना मेरी मजबू...

आधुनिक सच मियां-बीबी दोनों मिल खूब कमाते हैं तीस लाख का पैकेज दोनों ही पाते हैं

आधुनिक सच मियां-बीबी दोनों मिल खूब कमाते हैं तीस लाख का पैकेज दोनों ही पाते हैं सुबह आठ बजे नौकरियों पर जाते हैं रात ग्यारह तक ही वापिस आते हैं अपने परिवारिक रिश्तों से कतराते हैं अकेले रह कर वह कैरियर बनाते हैं कोई कुछ मांग न ले वो मुंह छुपाते हैं भीड़ में रहकर भी अकेले रह जाते हैं मोटे वेतन की नौकरी छोड़ नहीं पाते हैं अपने नन्हे मुन्ने को पाल नहीं पाते हैं फुल टाइम की मेड ऐजेंसी से लाते हैं उसी के जिम्मे वो बच्चा छोड़ जाते हैं परिवार को उनका बच्चा नहीं जानता है केवल आया'आंटी' को ही पहचानता है दादा-दादी, नाना-नानी कौन होते है ? अनजान है सबसे किसी को न मानता है आया ही नहलाती है आया ही खिलाती है टिफिन भी रोज़ रोज़ आया ही बनाती है यूनिफार्म पहना के स्कूल कैब में बिठाती है छुट्टी के बाद कैब से आया ही घर लाती है नींद जब आती है तो आया ही सुलाती है जैसी भी उसको आती है लोरी सुनाती है उसे सुलाने में अक्सर वो भी सो जाती है कभी जब मचलता है तो टीवी दिखाती है जो टीचर मैम बताती है वही वो मानता है देसी खाना छोड कर पीजा बर्गर खाता है वीक एन्ड पर मॉल में पिकनिक मनाता है संडे की छुट्ट...